' अन्याय तभी तक फलता - फूलता है जब तक उससे संघर्ष , विरोध करने कोई खड़ा नहीं होता l पर जब कोई छोटा सा संगठन भी सम्पूर्ण मनोयोग व तन , मन व धन से इसके विरोध में खड़ा हो जाता है तो अन्याय चल नहीं सकता । अन्यायी कितना ही बड़ा और शक्तिवान क्यों न हो ईश्वर उसके साथ नहीं होता , अत: उसे हारना ही पड़ता है l
No comments:
Post a Comment