' समर्थ गुरु रामदास के धर्म ग्रन्थ ' दासबोध ' की अधिकांश शिक्षाएं जैसी औरंगजेब के शासनकाल में लाभदायक थीं वैसी ही इस अणु युग में भी सुख और शान्ति को प्राप्त करने में सहायक हो सकती हैं | '
समर्थ गुरु रामदास ने संसार से पूर्ण विरक्त होते हुए भी राष्ट्र हित के बड़े - बड़े कामों को सिद्ध कराया । उन्होंने अपने अनुयायियों को उस राजनीति की शिक्षा दी जो विवेक , सूझबूझ और सावधानी पर आधारित होती है । उन्होंने कहा सांसारिक व्यवहार में हमको अकारण किसी का अहित नहीं करना चाहिए , यथा संभव समझौते और मेलमिलाप से काम लेना चाहिए । उन्होंने कहा --- सच्ची वही है जिसमे दुष्टों के दमन के साथ शिष्टों के रक्षण और पालन का पूरा - पूरा ध्यान रखा जाये ।
समर्थ गुरु रामदास ने संसार से पूर्ण विरक्त होते हुए भी राष्ट्र हित के बड़े - बड़े कामों को सिद्ध कराया । उन्होंने अपने अनुयायियों को उस राजनीति की शिक्षा दी जो विवेक , सूझबूझ और सावधानी पर आधारित होती है । उन्होंने कहा सांसारिक व्यवहार में हमको अकारण किसी का अहित नहीं करना चाहिए , यथा संभव समझौते और मेलमिलाप से काम लेना चाहिए । उन्होंने कहा --- सच्ची वही है जिसमे दुष्टों के दमन के साथ शिष्टों के रक्षण और पालन का पूरा - पूरा ध्यान रखा जाये ।
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