' मनुष्य की कर्मठता ही वह सिद्धि है जो बड़े से बड़ा चमत्कार कर दिखाती है । '
किसी के द्वारा दिशा - बोध करा देना और प्रेरणा प्रदान कर करा देना अलग बात है किन्तु उस दिशा में बढ़ते रहने का साहस जुटाना तथा मनोयोग अर्जित करना श्रमसाध्य साधना ही है । इस साधना को सफलता के द्वार तक पहुँचाना कर्मठता से ही संभव है ।
किसी के द्वारा दिशा - बोध करा देना और प्रेरणा प्रदान कर करा देना अलग बात है किन्तु उस दिशा में बढ़ते रहने का साहस जुटाना तथा मनोयोग अर्जित करना श्रमसाध्य साधना ही है । इस साधना को सफलता के द्वार तक पहुँचाना कर्मठता से ही संभव है ।
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