संसार में गाँधी जी के देहान्त होने का जितना अधिक शोक मनाया गया और सब तरह के लोगों ने इसको जिस प्रकार अपनी व्यक्तिगत हानि माना , वैसा संसार में शायद ही पहले कभी हुआ हो ।
प्रसिद्ध दार्शनिक 'रोमा रोलां ' ने कहा ----- " महात्मा गाँधी का नाम सदैव उस श्रेणी में लिखा जायेगा , जो मनुष्य मात्र को सुखी बनाने में अपने जीवन का बलिदान करते हैं । "
अमरीका के दिव्तीय महासमर को जीतने वाले प्रसिद्ध सेनापति डागलस मैकार्थर ने कहा ---- " अगर मानव सभ्यता को जीवित रहना है , तो हमको एक दिन गाँधी जी का यह सिद्धान्तमानना ही पड़ेगा कि किसी झगड़े के निपटारे के लिए सामूहिक शक्ति ( सैनिक शक्ति ) का प्रयोग गलत है । इस प्रकार की नीति में नाश का बीज अपने भीतर ही निहित रहता है । "
' न्यूयार्क टाइम्स ' ने लिखा ---- " गाँधी जी अपने उत्तराधिकार स्वरुप एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति छोड़ गये हैं जो भगवान के निर्देशित समय पर अवश्य ही हथियारों और हिंसा की दूषित नीति पर विजय प्राप्त करेगी । "
प्रसिद्ध दार्शनिक 'रोमा रोलां ' ने कहा ----- " महात्मा गाँधी का नाम सदैव उस श्रेणी में लिखा जायेगा , जो मनुष्य मात्र को सुखी बनाने में अपने जीवन का बलिदान करते हैं । "
अमरीका के दिव्तीय महासमर को जीतने वाले प्रसिद्ध सेनापति डागलस मैकार्थर ने कहा ---- " अगर मानव सभ्यता को जीवित रहना है , तो हमको एक दिन गाँधी जी का यह सिद्धान्तमानना ही पड़ेगा कि किसी झगड़े के निपटारे के लिए सामूहिक शक्ति ( सैनिक शक्ति ) का प्रयोग गलत है । इस प्रकार की नीति में नाश का बीज अपने भीतर ही निहित रहता है । "
' न्यूयार्क टाइम्स ' ने लिखा ---- " गाँधी जी अपने उत्तराधिकार स्वरुप एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति छोड़ गये हैं जो भगवान के निर्देशित समय पर अवश्य ही हथियारों और हिंसा की दूषित नीति पर विजय प्राप्त करेगी । "
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