' प्रतिभा ईश्वर प्रदत्त एक ऐसा उपहार है जो हर व्यक्ति को , उसने बिना किसी भेदभाव रखे बांटा है । अब यह उस व्यक्ति पर निर्भर है कि उस क्षमता का विकास उपलब्ध परिस्थितियों में , चाहे वह अनुकूल रही हों या प्रतिकूल , किस प्रकार कर लेता है । '
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा ने हिन्दी साहित्य के इतिहास पर अदिव्तीय शोध कार्य किया । उनका व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा का अदभुत समन्वय था । 1959 में वे हिन्दी -विश्व -कोष के प्रधान सम्पादक नियुक्त किये गए । वर्मा जी के सम्पादन में निकला यह ग्रन्थ हिन्दी साहित्य की अमूल्य - निधि है । इसके अतिरिक्त उनकी कई विख्यात कृतियाँ हैं ।
डॉ. धीरेन्द्र वर्मा ने हिन्दी साहित्य के इतिहास पर अदिव्तीय शोध कार्य किया । उनका व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा का अदभुत समन्वय था । 1959 में वे हिन्दी -विश्व -कोष के प्रधान सम्पादक नियुक्त किये गए । वर्मा जी के सम्पादन में निकला यह ग्रन्थ हिन्दी साहित्य की अमूल्य - निधि है । इसके अतिरिक्त उनकी कई विख्यात कृतियाँ हैं ।
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