' कोई भी व्यक्ति जब साधारण स्थिति से परिश्रम और पुरुषार्थ के बल पर ऊँचा उठता है , तो अच्छे लोग ईर्ष्या करने लगते हैं । '
1589 में जब सम्राट अकबर कश्मीर गया तो राजकाज का प्रबंध टोडरमल की देख रेख में छोड़ दिया । टोडरमल का भूमि प्रबंध , कार्य क्षमता और प्रबंध क्षमता देखकर एनी विद्वान् जलते थे किन्तु टोडरमल अकबर का विश्वास बढ़ाता गया ।
टोडरमल ने खुशामद और चाटुकारिता का ओछा और अयोग्य लोगों द्वारा अपनाया जाने वाला हथकंडा छोड़कर विशुद्ध कर्मठता , लगन और पुरुषार्थ का मार्ग चुना । यहाँ तक कि अकबर के चलाये धर्म ' दीन इलाही को कई दरबारी स्वीकार कर चुके थे पर उन्होंने स्पष्ट इन्कार कर दिया । उन्होंने जजिया कर को हटाने की सलाह दी, उनके तर्क के आधार पर जजिया कर हटा दिया गया । अकबर की उदार धर्म नीति का कारण टोडरमल थे इसलिए लोग जला करते थे । अर्थव्यवस्था के सम्बन्ध में सफल और दक्ष होने के साथ ही वे वीर सेनापति भी थे । जिन्होंने अपने विचारों से सम्राट को भी प्रभावित कर लिया था अकबर के सबसे बड़े और योग्य व्यवस्थापक के रूप में वे अविस्मरणीय रहेंगे । ।
1589 में जब सम्राट अकबर कश्मीर गया तो राजकाज का प्रबंध टोडरमल की देख रेख में छोड़ दिया । टोडरमल का भूमि प्रबंध , कार्य क्षमता और प्रबंध क्षमता देखकर एनी विद्वान् जलते थे किन्तु टोडरमल अकबर का विश्वास बढ़ाता गया ।
टोडरमल ने खुशामद और चाटुकारिता का ओछा और अयोग्य लोगों द्वारा अपनाया जाने वाला हथकंडा छोड़कर विशुद्ध कर्मठता , लगन और पुरुषार्थ का मार्ग चुना । यहाँ तक कि अकबर के चलाये धर्म ' दीन इलाही को कई दरबारी स्वीकार कर चुके थे पर उन्होंने स्पष्ट इन्कार कर दिया । उन्होंने जजिया कर को हटाने की सलाह दी, उनके तर्क के आधार पर जजिया कर हटा दिया गया । अकबर की उदार धर्म नीति का कारण टोडरमल थे इसलिए लोग जला करते थे । अर्थव्यवस्था के सम्बन्ध में सफल और दक्ष होने के साथ ही वे वीर सेनापति भी थे । जिन्होंने अपने विचारों से सम्राट को भी प्रभावित कर लिया था अकबर के सबसे बड़े और योग्य व्यवस्थापक के रूप में वे अविस्मरणीय रहेंगे । ।
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