सफलता पाने के लिए अंदर के आत्मविश्वास को जगाना पड़ता है l स्वयं पर विश्वास करना अंतत: ईश्वर में आस्था है l यह विश्वास जितना प्रबल होता जायेगा , हमारा निर्धारित लक्ष्य उतना ही पास होता जायेगा l जिसे अपने इष्ट एवं लक्ष्य के प्रति प्रबल विश्वास होता है , उसका कर्म ही पूजा एवं उपासना बन जाता है l वह हर कठिनाई का धैर्य के साथ सामना करता है l असफलता से विचलित नहीं होता , हर असफलता से सीख लेकर दूने उत्साह के साथ जुट जाता है l जिसका विश्वास प्रखर होता है उसे परिस्थितियां झुका नहीं पातीं l
आत्मविश्वास और आत्म निर्भरता की भावना से ओतप्रोत व्यक्ति का परिश्रम तथा पुरुषार्थ कभी निष्फल नहीं जाता l
आत्मविश्वास और आत्म निर्भरता की भावना से ओतप्रोत व्यक्ति का परिश्रम तथा पुरुषार्थ कभी निष्फल नहीं जाता l
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