समाज और जन - साधारण अनेक समस्याओं और विकृतियों और समस्याओं से परेशांन है l इन विकृतियों का एकमात्र कारण सामाजिक कुरीतियाँ , पारिवारिक अस्त व्यस्तता और व्यक्तिगत अनैतिकता है l विवेक और सामाजिकता का अभाव ही हर व्यक्ति को अवांछनीयता की और धकेलता है l यदि किसी प्रकार इन विकारों को दूर किया जा सके तो सभी समस्याएं आसानी से सुलझ सकती हैं l
जन- मानस के स्तर को ऊँचा उठाने और उसमे घुसी विकृतियों को दूर करने के लिए रंगमंच , फिल्मे और श्रेष्ठ साहित्य उत्तम साधन है l समाज सुधार की श्रेष्ठ फ़िल्में , उच्च कोटि के साहित्य द्वारा लोगों को सद्विचारों की शिक्षा दी जा सकती है l
जन- मानस के स्तर को ऊँचा उठाने और उसमे घुसी विकृतियों को दूर करने के लिए रंगमंच , फिल्मे और श्रेष्ठ साहित्य उत्तम साधन है l समाज सुधार की श्रेष्ठ फ़िल्में , उच्च कोटि के साहित्य द्वारा लोगों को सद्विचारों की शिक्षा दी जा सकती है l
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