चिंता व्यक्ति को तभी होती है , जब वह खाली बैठा होता है , उसके पास करने के लिए कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं होता l ऐसे खाली समय में वह अपनी परेशानियों , समस्याओं के बारे में सोचकर चिन्ता करने लगता है l चिंता करने वाला व्यक्ति अपनी नकारात्मक सोच के नकारात्मक परिणामों की संभावना से हमेशा चिंतित और परेशान रहता है l
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