9 March 2018

WISDOM ------ अपने कर्म , विचार और भावनाओं को परिष्कृत कर , शुभ कर्म कर के ही ईश्वरीय अनुदान का अधिकारी बना जा सकता है

  इस  संसार  में  अनगिनत  व्यक्तियों  ने  ईश्वरीय  सूक्ष्म  शक्तियों  की  सहायता  प्राप्त  की  है   जिनमे  सबसे  जीवंत  उदाहरण  महात्मा  गाँधी  का  है  l 
  महात्मा   गाँधी  का  व्यक्तित्व , उनका  उद्देश्य  और  सबसे  प्रमुख   अपने  देश , अपनी  धरती  के  लिए  कुछ  कर  गुजरने  की   चाहत  के  कारण,  उन्हें  कई  ऐसी  सूक्ष्म  शक्तियों  ने  अनुदान  दिए  कि  देखते  ही  देखते   साधारण  दीखने  वाले  मोहनदास  कर्मचंद  गाँधी   असाधरण  चुम्बकत्व  के  स्वामी  हो  गए   और  ' महात्मा  गाँधी  कहलाये  ,  जिनके  इशारे  मात्र  पर   अनगिनत  लोग   इनके  पीछे  चल  दिए   और  कुछ  भी  कर  गुजरने  के  लिए   तैयार  हो  गए  l 
  दैवीय शक्तियों  के  हाथ  मदद  के  लिए  हमेशा  तैयार  रहते  हैं  ,  लेकिन  ये  भी  सुयोग्य  व्यक्तियों   कि  तलाश  में  रहती  हैं   और  इन्हें  कोई  भी  किसी  भी  प्रकार  से  धोखा  नहीं  दे  सकता    l 

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