किसी भी पिछड़े समाज या ऐसा कोई भी समाज जिसमे असंतोष है , उपेक्षित रहा है , उसे मुख्य धारा में लाने के लिए केवल सरकारी सहायता ही पर्याप्त नहीं हैं l उस समाज के लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन करना आवश्यक है l जीवनशैली में परिवर्तन करना आसान कार्य नहीं है l यह अत्यंत धैर्य पूर्वक और दीर्घ काल तक की जाने वाली प्रक्रिया है ---- समाज में महिलाओं एवं पुरुषों को केवल पैसा या सहायता देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उस पैसे व सहायता से उनके अन्दर की क्षमता एवं रचनात्मकता के आधार पर स्वावलंबन का कार्य आरम्भ करना चाहिए , उन्हें शुभ कर्मों से जोड़ना चाहिए और सेवा कार्यों में भी संलग्न करना चाहिए l इससे उनकी जीवनशैली में परिवर्तन आएगा , उनके जड़ जमाये नकारात्मक विचार बदलेंगे l शिक्षा एवं विभिन्न प्रकार की सेवा एवं स्वावलंबन कार्य के करने से उनके अन्दर आत्मविश्वास जागेगा एवं वे स्वयं इन कार्यों में प्रवृत होंगे l
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