जो लोग चापलूसी से आगे बढ़ना चाहते हैं उनकी स्वयं की विवेक बुद्धि शून्य हो जाती है और वे परिस्थितियों के अनुसार सही निर्णय नहीं ले पाते l लेकिन जो सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं , उनका विवेक जागृत होता है , वे परिस्थितियों के अनुसार सही निर्णय लेते हैं l
एक कथा है ----- एक संत अपने किसान भक्त की प्रार्थना स्वीकार कर के उसके गाँव पहुंचे l किसान ने उनके लिए प्रवचन का आयोजन किया था l अचानक किसान का बैल बीमार हो गया l किसान जानता था कि यदि बैल को समय पर उपचार न मिला तो वह मर जायेगा , इसलिए वह प्रवचन में न जाकर बैल को चिकित्सक को दिखाने ले गया l गाँव के कुछ लोगों ने संत से उसकी शिकायत की और बोले --- महाराज ! यह किसान कितना स्वार्थी है l आपके प्रवचन का आयोजन कर के खुद ही यहाँ नहीं आया l "
संत बोले ---- " किसान ने प्रवचन में न आकर एक पीड़ित की सेवा को महत्व देकर यह सिद्ध कर दिया कि वह मेरी शिक्षाएं ठीक प्रकार से समझ गया है l मेरे सारे प्रवचनों का सार यही है कि दुःखी - पीड़ितों की सहायता की जाये और विवेक का आश्रय लेकर यह समझा जाये कि किन परिस्थितियों में कौनसा कार्य जरुरी है l "
एक कथा है ----- एक संत अपने किसान भक्त की प्रार्थना स्वीकार कर के उसके गाँव पहुंचे l किसान ने उनके लिए प्रवचन का आयोजन किया था l अचानक किसान का बैल बीमार हो गया l किसान जानता था कि यदि बैल को समय पर उपचार न मिला तो वह मर जायेगा , इसलिए वह प्रवचन में न जाकर बैल को चिकित्सक को दिखाने ले गया l गाँव के कुछ लोगों ने संत से उसकी शिकायत की और बोले --- महाराज ! यह किसान कितना स्वार्थी है l आपके प्रवचन का आयोजन कर के खुद ही यहाँ नहीं आया l "
संत बोले ---- " किसान ने प्रवचन में न आकर एक पीड़ित की सेवा को महत्व देकर यह सिद्ध कर दिया कि वह मेरी शिक्षाएं ठीक प्रकार से समझ गया है l मेरे सारे प्रवचनों का सार यही है कि दुःखी - पीड़ितों की सहायता की जाये और विवेक का आश्रय लेकर यह समझा जाये कि किन परिस्थितियों में कौनसा कार्य जरुरी है l "
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