' यदि अन्याय , अनीति , अत्याचार , अनाचार , दुराचार , शोषण , भ्रष्टाचार का दमन किया जाता है तो दमन ईश्वरीय विभूति के रूप में अलंकृत होता है l जो इसे करने का साहस दिखाते हैं , दंड उसके हाथों में ईश्वरीय शक्ति के रूप में शोभित होता है l '
मनुष्य का अनियंत्रित और असंतुलित आचरण व्यापक विनाश का कारण बनता है l अत: स्रष्टि का संतुलन बनाये रखने के लिए भगवान ने दंड विधान की व्यवस्था प्रदान की है l उचित दंड न हो तो अनीति एवं अनाचरण अपने चरम पर पहुँच जायेंगे l इसलिए दंड को ईश्वरीय विभूति कहा गया है l
मनुष्य का अनियंत्रित और असंतुलित आचरण व्यापक विनाश का कारण बनता है l अत: स्रष्टि का संतुलन बनाये रखने के लिए भगवान ने दंड विधान की व्यवस्था प्रदान की है l उचित दंड न हो तो अनीति एवं अनाचरण अपने चरम पर पहुँच जायेंगे l इसलिए दंड को ईश्वरीय विभूति कहा गया है l
No comments:
Post a Comment