इस संसार में हर व्यक्ति की अपनी भूमिका होती है l बुद्धिमता तो यही है कि काम पूरा होते ही उससे विदा ले लेनी चाहिए l काम के बाद एक पल भी ठहरना अच्छा नहीं है l
विवेकानन्द कहते थे --- " माँ का काम करने के बाद मैं यहाँ एक पल भी ठहरना नहीं चाहता l " उनका काम पूरा होते ही वे इस धरती से विदा हो गए l
विवेकानन्द कहते थे --- " माँ का काम करने के बाद मैं यहाँ एक पल भी ठहरना नहीं चाहता l " उनका काम पूरा होते ही वे इस धरती से विदा हो गए l
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