परिवार में , समाज में खुशहाली बढ़ाने के लिए शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनो स्तर पर स्वास्थ्य को महत्व दिया जाना चाहिए l
जब कोई बहुत ज्यादा गरीब होता है तब उसकी आमदनी बढ़ने से उसकी खुशहाली बढ़ने लगती है l लेकिन बुनियादी जरूरतें पूरी होने के बाद यह जरुरी नहीं रह जाता कि आमदनी बढ़ने के साथ खुशहाली भी बढ़ती रहे , तब आय के साथ अन्य दूसरे कारण भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं l
हम सब एक माला के मोती है ---- प्रकृति, पर्यावरण , मनुष्य , पशु - पक्षी आदि सबके प्रति संवेदनशील रहकर ही जीवन में खुशहाली आ सकती है l इसके साथ यह भी जरुरी है कि विषमता , ऊँच - नीच , नफरत , हिंसा , भेदभाव आदि नकारात्मक भावनाएं समाज से दूर हों l जीवन में सद्गुण जितने बढ़ेंगे खुशहाली उतनी ही बढ़ेगी l
जब कोई बहुत ज्यादा गरीब होता है तब उसकी आमदनी बढ़ने से उसकी खुशहाली बढ़ने लगती है l लेकिन बुनियादी जरूरतें पूरी होने के बाद यह जरुरी नहीं रह जाता कि आमदनी बढ़ने के साथ खुशहाली भी बढ़ती रहे , तब आय के साथ अन्य दूसरे कारण भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं l
हम सब एक माला के मोती है ---- प्रकृति, पर्यावरण , मनुष्य , पशु - पक्षी आदि सबके प्रति संवेदनशील रहकर ही जीवन में खुशहाली आ सकती है l इसके साथ यह भी जरुरी है कि विषमता , ऊँच - नीच , नफरत , हिंसा , भेदभाव आदि नकारात्मक भावनाएं समाज से दूर हों l जीवन में सद्गुण जितने बढ़ेंगे खुशहाली उतनी ही बढ़ेगी l
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