दुनिया में जो भी उपलब्धियाँ हैं , सिद्धियाँ हैं , वे भले ही संसार के सम्मुख हों , लोगों से घिरी हों , लोग उनका उपभोग करते हों , लेकिन उनकी उत्पति एकांत के माहौल में ही होती है l
हमारे अन्दर की प्रतिभा , क्षमता , रचनात्मकता का विकास हमारे स्वयं के पुरुषार्थ से होता है और इसके लिए हमें एकांत की आवश्यकता होती है l शोर - गुल में हम पूरी तरह एकाग्र नही हो पाते, एकांत में ही मन शांत और स्थिर होता है जिससे साधना के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद मिलती है l एक चीनी साहित्यकार हैं ---- मो यान l वे चीन के पहले ऐसे लेखक हैं जिन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है l वे कहा करते थे एकांत मेरे लेखन का अभिन्न एंग है l आर्थिक तंगी के कारण उन्हें वीद्दालय छोड़कर मवेशी चराना पड़ा l मवेशियों के बीच वे अकेले होते थे l यह एकांत उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने अपना नाम ' ग्वान मोए ' से बदलकर ' मो यान रख लिया , चीनी भाषा में इसका अर्थ होता है मत बोलो l
एकांत में हम अपनी उर्जा का सकारात्मक उपयोग कर उसे सार्थक करें l
हमारे अन्दर की प्रतिभा , क्षमता , रचनात्मकता का विकास हमारे स्वयं के पुरुषार्थ से होता है और इसके लिए हमें एकांत की आवश्यकता होती है l शोर - गुल में हम पूरी तरह एकाग्र नही हो पाते, एकांत में ही मन शांत और स्थिर होता है जिससे साधना के मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद मिलती है l एक चीनी साहित्यकार हैं ---- मो यान l वे चीन के पहले ऐसे लेखक हैं जिन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ है l वे कहा करते थे एकांत मेरे लेखन का अभिन्न एंग है l आर्थिक तंगी के कारण उन्हें वीद्दालय छोड़कर मवेशी चराना पड़ा l मवेशियों के बीच वे अकेले होते थे l यह एकांत उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने अपना नाम ' ग्वान मोए ' से बदलकर ' मो यान रख लिया , चीनी भाषा में इसका अर्थ होता है मत बोलो l
एकांत में हम अपनी उर्जा का सकारात्मक उपयोग कर उसे सार्थक करें l
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