अनुकूल परिस्थितियों में सुख और यश की ललक इतनी प्रबल होती है कि उन्हें प्राप्त करने में ही पूरी उर्जा चली जाती है l विपरीत परिस्थितियां हमें सजग , सतर्क और सावधान बनाती हैं l अपने - पराये का परिचय इसी अवस्था में होता है l जिन्हें हम अपना मान के जान छिडकते हैं , वे कितने अपने हैं , इसी दौरान इसकी परीक्षा हो जाती है l विपरीत परिस्थितियां हमें वास्तविकता का बोध कराती हैं l
बुद्धिमान व समझदार व्यक्ति ऐसे समय में हिम्मत और हौसला नहीं हारते , चुनौती समझकर उनका सामना करते हैं और जीवन में सफल होते हैं l भगवन राम यदि अयोध्या में ही रहते , चौदह वर्ष का वनवास संपन्न नहीं करते तो असुरों का नाश कैसे होता l इस अवधि के संघर्ष ने ही उन्हें मर्यादा पुरुषोतम राम बनाया l
इसी तरह पांडवों को बारह वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा l इसी अवधि में अर्जुन को अनेक दिव्यास्त्र प्राप्त हुए l बलशाली भीम जो गदा युद्ध में दक्ष थे उन्हें नौकर बनकर खाना बनाना पड़ा l सम्राट युधिष्ठिर को दास बनना पड़ा , अर्जुन को एक वर्ष तक ब्रह्न्न्ला का जीवन बिताना पड़ा l वे इन सब से हारे - घबराये नहीं और भावी महाभारत युद्ध और राज्य सम्हालने की तैयारी कर ली l
यदि हम में साहस , धैर्य और दूरदर्शिता हो तो कठिनाइयाँ हमें बहुमूल्य उपलव्धियों और वरदानो से भर सकती हैं l
बुद्धिमान व समझदार व्यक्ति ऐसे समय में हिम्मत और हौसला नहीं हारते , चुनौती समझकर उनका सामना करते हैं और जीवन में सफल होते हैं l भगवन राम यदि अयोध्या में ही रहते , चौदह वर्ष का वनवास संपन्न नहीं करते तो असुरों का नाश कैसे होता l इस अवधि के संघर्ष ने ही उन्हें मर्यादा पुरुषोतम राम बनाया l
इसी तरह पांडवों को बारह वर्ष के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा l इसी अवधि में अर्जुन को अनेक दिव्यास्त्र प्राप्त हुए l बलशाली भीम जो गदा युद्ध में दक्ष थे उन्हें नौकर बनकर खाना बनाना पड़ा l सम्राट युधिष्ठिर को दास बनना पड़ा , अर्जुन को एक वर्ष तक ब्रह्न्न्ला का जीवन बिताना पड़ा l वे इन सब से हारे - घबराये नहीं और भावी महाभारत युद्ध और राज्य सम्हालने की तैयारी कर ली l
यदि हम में साहस , धैर्य और दूरदर्शिता हो तो कठिनाइयाँ हमें बहुमूल्य उपलव्धियों और वरदानो से भर सकती हैं l
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