1930 के नमक सत्याग्रह में ' बा ' ने इतना काम किया कि सरकारी अफसर भी उनसे डरने लगे थे l दांडी कूच के समय जब आन्दोलन में भाग लेने वाली बहनों ने पूछा कि हमें क्या करना चाहिए तो गांधीजी ने बताया कि उनको नमक बनाकर जेल जाने की आवश्यकता नहीं l इसके बजाय उन्हें शराब बंदी और विदेशी कपड़े का बहिष्कार का कार्य करना चाहिए l इस कार्य में चार - पांच हजार स्त्रियों ने भाग लिया l शराब की तमाम दुकाने बंद कराई गईं l अब सरकार ने कानून को ताक में रखकर फेरी लगाकर शराब और ताड़ी बेचने की इजाजत दे दी l तब स्त्रियों ने छप्पर डालकर छावनियां बना लीं तो पुलिस वालों ने छप्पर में आग लगा दी और बर्तन उठाकर ले गए l तब बा ने कहा --- " अब हम चटाई तान कर रहेंगे और मिटटी के बर्तन रखेंगे , फिर देखें वे क्या ले जाते हैं ? "
अवंतिका बाई गोखले , सरोजिनी नायडू आदि अनेक संभ्रांत परिवारों की महिलाएं आन्दोलन में सक्रिय रहीं l
अवंतिका बाई गोखले , सरोजिनी नायडू आदि अनेक संभ्रांत परिवारों की महिलाएं आन्दोलन में सक्रिय रहीं l
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