21 March 2019

WISDOM ---------

 पेड़ों  में  चिड़िया , बिलों  में  दीमक , जंगलों  में  हिरन   कुदकते - फुदकते  प्रसन्नता  का  जीवन  जीते  हैं  l जलाशय  में  मछलियाँ  कल्लोल  करती  हैं   l  एक  मनुष्य  ही  ऐसा  है   जो  उत्कृष्ट  शरीर  संरचना , विशिष्ट  बुद्धिमत्ता   के  होते  हुए  भी  हर  घडी  चिंतित ,  शंकित  और  भयभीत   रहता  है   l  इसका  कारण  न  तो  संसार  की  परिस्थितियां   हैं  और  न  प्रतिकूलताओं  की  भरमार   l  केवल  अपनी  ही  मन;  स्थिति  अस्त व्यस्त  , अनगढ़  होने  से  विचारणा  भावना  विकृत  हो  जाती  है  l  
  मनुष्य   के  हाथ  पैरों  में  हथकड़ी   तो  तभी  पड़ती  है   जब  उसे  किसी  अपराध  में  जेल  जाना  पड़ता  है   l  किन्तु  मनोविकारों  के  बंधन  ऐसे  हैं  ,  जो  इस  प्रकार  जकड़ते  हैं  ,  मानो    किसी  भयंकर   व्यथा   ने  जकड़  लिया  हो   l   

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