आचार्य जी का मत है कि अनीति का धन - धान्य मनुष्य के मन , बुद्धि तथा आत्मा का पतन कर देता है जिससे वह इतना निर्बल और कायर हो जाता है कि जरा सी प्रतिकूलता आने पर घबरा उठता है और शीघ्र ही जीवन से भागने की कोशिश करता है l सफलता बहुत बड़े मूल्य पर मिलती है l जो व्यक्ति थोड़े प्रयत्न से ही मनोवांछित सफलता पाना चाहते हैं वे संकीर्ण विचार वाले होते हैं जो किसी चीज का पूरा मूल्य दिए बिना ही उसे हस्तगत करना चाहते हैं l ऐसे लोभी - लालची व्यक्ति का चरित्र किसी समय भी गिर सकता है l
यथार्थ उन्नति के लिए उचित आदर्शों के साथ अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए , समय आने पर सफलता अपने आप उपलब्ध हो जाएगी l
यथार्थ उन्नति के लिए उचित आदर्शों के साथ अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए , समय आने पर सफलता अपने आप उपलब्ध हो जाएगी l
No comments:
Post a Comment