श्री विश्वेश्वरैया कर्मयोग की महत्ता के अनुपम उदाहरण थे l वे एक कुशल इंजीनियर थे लेकिन हार्दिक लोक सेवा की भावना एवं कार्यों के कारण , देश पूज्य जनसेवक और महामानव बन गए l
उनका कहना था कि ----- " हमारी आर्थिक हीनता का सबसे बड़ा कारण शिक्षा की उपेक्षा है l यदि आप एक अच्छे राष्ट्र की नींव रखना चाहते हैं तो उसके नागरिकों को उत्तम बनाइये l सफल राष्ट्र वही होता है जिसके बहुसंख्यक नागरिक कुशल , चरित्रवान और कर्तव्य परायण हों l अमेरिका जैसे देशों के लोग अधिक समृद्धिशाली , प्रगतिशील और दीर्घायु हैं , इसका कारण यही है कि उन्हें सर्वोत्तम प्रकार की शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं l वे संसार की सभी समस्याओं के प्रति जागरूक हैं , उनका जीवन योजनाबद्ध व अनुशासित है l इसके विपरीत अधिकांश भारतीय इन्ही कमियों के कारणपरम्पराओं पर आधारित जीवन बिताते हैं lप्रगतिशील जीवन के लिए उन्हें किसी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं मिलता l " उनका कहना था कि --- " कार्यकुशल बनने के लिए औसत भारतवासी के लिए यह जरुरी है कि वह अधिक परिश्रम करे और अपनी आदतों को अनुशासन के ढांचे में ढाले l संसार में जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं , वे सब निरंतर परिश्रम के कारण ही महान बन सके हैं l "
उनका कहना था कि ----- " हमारी आर्थिक हीनता का सबसे बड़ा कारण शिक्षा की उपेक्षा है l यदि आप एक अच्छे राष्ट्र की नींव रखना चाहते हैं तो उसके नागरिकों को उत्तम बनाइये l सफल राष्ट्र वही होता है जिसके बहुसंख्यक नागरिक कुशल , चरित्रवान और कर्तव्य परायण हों l अमेरिका जैसे देशों के लोग अधिक समृद्धिशाली , प्रगतिशील और दीर्घायु हैं , इसका कारण यही है कि उन्हें सर्वोत्तम प्रकार की शिक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं l वे संसार की सभी समस्याओं के प्रति जागरूक हैं , उनका जीवन योजनाबद्ध व अनुशासित है l इसके विपरीत अधिकांश भारतीय इन्ही कमियों के कारणपरम्पराओं पर आधारित जीवन बिताते हैं lप्रगतिशील जीवन के लिए उन्हें किसी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं मिलता l " उनका कहना था कि --- " कार्यकुशल बनने के लिए औसत भारतवासी के लिए यह जरुरी है कि वह अधिक परिश्रम करे और अपनी आदतों को अनुशासन के ढांचे में ढाले l संसार में जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं , वे सब निरंतर परिश्रम के कारण ही महान बन सके हैं l "
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