किसी भी देश , समुदाय अथवा समाज का भाग्य चरित्रवान और व्यक्तित्ववान व्यक्तियों पर निर्भर है l सामान्य अर्थों में चरित्रवान उन्ही को कहा जाता है जिनकी व्यक्तिगत जीवन में कर्तव्यपरायणता , सत्यनिष्ठा , पारिवारिक जीवन में सद्भाव , स्नेह , सामाजिक जीवन में शिष्टता आदि आदर्शों के प्रति निष्ठा है l जब राष्ट्र या समुदाय पर संकट के बादल घिर आते हैं तो जन - समुदाय ऐसे ही चरित्रवान और साहसी लोगों से मार्गदर्शन की अपेक्षा करता है l ऐसे व्यक्तियों की प्रमाणिकता हर किसी के लिए विश्वसनीय होती है l
स्वामी विवेकानन्द ने एक स्थान पर कहा है ----' संसार का इतिहास उन मुट्ठी भर व्यक्तियों का बनाया हुआ है जिनके पास चरित्रबल का उत्कृष्ट भंडार था l यों कई योद्धा , विजेता हुए हैं l बड़े - बड़े चक्रवर्ती सम्राट हुए हैं , इतने पर भी इतिहास ने उन्ही व्यक्तियों को अपने हृदय में स्थान दिया है जिनका व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रकाश स्तम्भ का कार्य कर सका है l '
उन्ही महापुरुषों का गुणगान किया जाता है जिन्होंने समाज को प्रगतिशील जीवन मूल्य दिए और आदर्शों की समयानुकूल परिभाषा स्वयं के व्यक्तित्व व कार्यों के माध्यम से दी है l
अमेरिका ने जार्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में स्वतंत्रता प्राप्त की थी l कुछ समय तक शासन सँभालने के पश्चात वे राजनीति से विरत होकर सामान्य जीवन व्यतीत करने लगे l इसी समय अमेरिका और फ्रांस में युद्ध छिड़ा l इस विषम बेला में लोगों ने एक बार फिर वाशिंगटन को याद किया l अपने कार्यकाल में कर्तव्यनिष्ठा , सूझबूझ और चारित्रिक गुणों की ऐसी धाक जमा ली थी कि तत्कालीन प्रेसिडेंट मि. एडम्स ने उन्हें देश की बागडोर सँभालने को कहा l एक प्रमुख नेता ने अपने अनुरोध पत्र में लिखा ---- " अमेरिका की सारी जनता आप पर विश्वास करती है l यूरोप में एक भी राज्य सिंहासन ऐसा नहीं है जो आपके चरित्र बल के सामने टिक सके l "
स्वामी विवेकानन्द ने एक स्थान पर कहा है ----' संसार का इतिहास उन मुट्ठी भर व्यक्तियों का बनाया हुआ है जिनके पास चरित्रबल का उत्कृष्ट भंडार था l यों कई योद्धा , विजेता हुए हैं l बड़े - बड़े चक्रवर्ती सम्राट हुए हैं , इतने पर भी इतिहास ने उन्ही व्यक्तियों को अपने हृदय में स्थान दिया है जिनका व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रकाश स्तम्भ का कार्य कर सका है l '
उन्ही महापुरुषों का गुणगान किया जाता है जिन्होंने समाज को प्रगतिशील जीवन मूल्य दिए और आदर्शों की समयानुकूल परिभाषा स्वयं के व्यक्तित्व व कार्यों के माध्यम से दी है l
अमेरिका ने जार्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में स्वतंत्रता प्राप्त की थी l कुछ समय तक शासन सँभालने के पश्चात वे राजनीति से विरत होकर सामान्य जीवन व्यतीत करने लगे l इसी समय अमेरिका और फ्रांस में युद्ध छिड़ा l इस विषम बेला में लोगों ने एक बार फिर वाशिंगटन को याद किया l अपने कार्यकाल में कर्तव्यनिष्ठा , सूझबूझ और चारित्रिक गुणों की ऐसी धाक जमा ली थी कि तत्कालीन प्रेसिडेंट मि. एडम्स ने उन्हें देश की बागडोर सँभालने को कहा l एक प्रमुख नेता ने अपने अनुरोध पत्र में लिखा ---- " अमेरिका की सारी जनता आप पर विश्वास करती है l यूरोप में एक भी राज्य सिंहासन ऐसा नहीं है जो आपके चरित्र बल के सामने टिक सके l "
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