17 April 2020

WISDOM ----- विज्ञान की ताकत

   मनुष्य  भौतिक  प्रगति  कितनी  भी  कर  ले  उसकी  प्रवृतियां  नहीं  बदलती  l   सबकी  प्रवृति  अलग - अलग  है   और  विज्ञानं  इन  प्रवृतियों  को   एक  सुधरे  हुए  रूप  में  प्रस्तुत  करता  है  l
  संसार  का  इतिहास  हम  उठाकर  देखें  तो  यह   भीषण  आक्रमण  और  अत्याचार  के  उदाहरण  से  भरा  पड़ा  है  l
  पहले  आततायी  आक्रमणकारी  विशाल  सेना  लेकर  किसी  देश  में  आक्रमण  करने  आते  थे   और  भयानक  लूटमार  और  नरसंहार  कर  के   उस  देश  को  रौंदते  हुए  चले  जाते  थे  l  उस  देश  की  आर्थिक  स्थिति  दयनीय  हो  जाती  थी  l   अब  वैज्ञानिक  आविष्कारों  ने   इतनी  बड़ी  सेना  और  लाव - लश्कर  एक  देश  से  दूसरे  देश  ले  जाने  की  समस्या  को  हल्का  कर  दिया  l   अब  आक्रमणकारी  अपने  स्थान  पर  बैठे  - बैठे   दुनिया  के  विभिन्न  देशों  में  एक  साथ  अदृश्य  रूप  से  आक्रमण  कर  भीषण  नरसंहार  कर  सकता  है  ,  वहां  की  आर्थिक  स्थिति  को  दयनीय  बना  सकता  है   और  उनकी  बरबादी   का  ठीकरा  उन्ही  पर  फोड़कर  ,  उनकी  सहायता  कर  यश  भी  ले  लेता  है   l
    प्राचीन  से  आधुनिक  होने   के  इस  सफर  में  यदि  कुछ  नहीं  बदला   तो  वह  है  -- मनुष्य  का  अहंकार  ,   लालच ,  लूट  में  अपना  हिस्सा  लेने  की  प्रवृति   l    लोगों  की  यह  प्रवृति  ही  आक्रमणकारी  को   मजबूत   बनाती   है   l  इन  दुष्प्रवृतियों  का  खामियाजा    जन - साधारण   भुगतता  है   ,जिनका  कोई   कुसूर   भी  नहीं  होता , जो  जैसे - तैसे   मेहनत , मजदूरी  कर  अपने  परिवार  का  भरण - पोषण  करते  हैं  l
 इसलिए  ऋषियों  ने  कहा  है  --- विज्ञानं  के  साथ  नैतिकता  और  संवेदना  की  शिक्षा  अनिवार्य  होनी  चाहिए  l   

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