किसी भी घटना - का - घटना हमारे वश में नहीं है लेकिन घटनाओं का सदुपयोग या दुरूपयोग करना हमारे वश में है l प्रत्येक घटना ईश्वर का मंगलमय विधान है l कठोर से कठोर घटनाक्रम भी जीवन में वह शिक्षण प्रदान कर जाता है , जो जीवन की सुखद अनुकूलता भी देने में समर्थ न हो l इसके लिए आवश्यकता है व्यापक और सकारात्मक सोच की l
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है ---- 'मन: स्थिति से ही परिस्थिति का निर्माण होता है l प्रकृति के विधान में हर घटना एक सुंदर उपहार लेकर आती है , आवश्यकता है उसका भली प्रकार उपयोग करने की l आंसू बहाना दुर्बलों का कार्य है , सामर्थ्यवान तो चुनौतियों का सामना कर विजयी होते हैं l इतिहास में ऐसे अनेकों उदाहरण हैं , जिन्होंने अपनी सकारात्मक मन: स्थिति के कारण परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की l यदि हमारे प्रयासों की दिशा सकारात्मक है तो अवसर भी सकारात्मक परिणाम प्रस्तुत करेंगे l हमें प्रत्येक अवसर के बेहतर उपयोग करने की कला आनी चाहिए और हमारे भीतर प्रतिकूलताओं का बहादुरी से सामना करने की क्षमता होनी चाहिए l '
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कहना है ---- 'मन: स्थिति से ही परिस्थिति का निर्माण होता है l प्रकृति के विधान में हर घटना एक सुंदर उपहार लेकर आती है , आवश्यकता है उसका भली प्रकार उपयोग करने की l आंसू बहाना दुर्बलों का कार्य है , सामर्थ्यवान तो चुनौतियों का सामना कर विजयी होते हैं l इतिहास में ऐसे अनेकों उदाहरण हैं , जिन्होंने अपनी सकारात्मक मन: स्थिति के कारण परिस्थितियों पर विजय प्राप्त की l यदि हमारे प्रयासों की दिशा सकारात्मक है तो अवसर भी सकारात्मक परिणाम प्रस्तुत करेंगे l हमें प्रत्येक अवसर के बेहतर उपयोग करने की कला आनी चाहिए और हमारे भीतर प्रतिकूलताओं का बहादुरी से सामना करने की क्षमता होनी चाहिए l '
No comments:
Post a Comment