23 June 2020

WISDOM -----

    जब  मनुष्य  पर  दुर्बुद्धि  का  प्रकोप  होता  है   तो  वह   दूसरों  को  अपने  से  श्रेष्ठ  समझता  है  l   जब  यह  दुर्बुद्धि  पूरे   समाज  पर  हावी  हो  जाती  है  तब  व्यक्ति   अपनी  संस्कृति , अपनी  शिक्षा  ,   अपनी  जीवन  शैली  ,   अपनी  चिकित्सा   पद्धति   को  भूलकर  गलत  दिशा  में  भागने  लगता  है  l   जहाँ  राह  गलत  होती  है  वहां  सफलता  का  प्रश्न  ही  नहीं  होता  l   हमारे  पास   ऋषियों  की  बताई  गई  आयुर्वेदिक  चिकित्सा  है , प्राकृतिक  चिकित्सा  है   लेकिन  हम  पर  दुर्बुद्धि  का  प्रकोप  है  इसलिए  हम  अपने  तरीके  को  छोड़कर  दूसरों  के  पीछे  भागते  हैं  ,  लाखों  रूपये  खर्च  कर  अपना  बजट  बिगाड़ते   हैं  l   इससे  एक  तो  स्वस्थ  ही  नहीं  होते  और  यदि  ठीक  भी   हो गए  तो  दूसरी  बीमारी  गिफ्ट  में  लेकर  आते  हैं  l ----
  दो  बहने  थीं  ,  छोटी  बहन    ऐलोपैथी  में  विश्वास  रखती  थी   और  बड़ी  बहन     अपनी  देशी  चिकित्सा  में  l   यह  एक  संयोग  ही  था  कि   दोनों  के  दांत  में  भयंकर  दर्द  हुआ  l  जो   ऐलोपैथी  में  विश्वास  रखती  थी  उसे  तुरंत  आराम  चाहिए  था   इसलिए  डॉक्टर   के  पास  गई  ,  डॉक्टर   ने  देखा , दाँत   निकलना  जरुरी  था  अत:  दांत  निकाल   दिया  ,  वह  बड़ी  खुश,  घर  आ  गई  l
दूसरी  बहन   ने   आयुर्वेदिक  मंजन  लिया ,  फिटकरी  के  पानी  से  कुल्ला  किये ,  दर्द  की  जगह  पर  लौंग  को  रखा  ,  इस  तरह  देशी  तरीके  से  एक - दो  दिन  में  उसका  दर्द  ठीक  हुआ  l  फिर  दुबारा  नहीं  हुआ  l   लेकिन  छोटी  बहन  के    कुछ  दिनों  बाद   जो  दाँत   निकाला   था  ,  उसके  पास  वाले    दाँत   में  दर्द  हुआ  l   इस  तरह  एक - एक  कर  के  उसने   अपने  तीन  दाँत   खो  दिए   और  हजारों  रूपये  खर्च  हुए  सो  अलग  l   अब  यह  बुद्धि  का  ही  फेर  है  l   संसार  में  सब  कुछ  है ,  लेकिन  चुनाव  हमें  करना  है  l
  यदि  हम  कमजोर  हैं ,  हम  में  आत्मविश्वास  नहीं  है    तो  संसार  में  फायदा  उठाने  वाले  सब  जगह  हैं  l   मनुष्य  की  इसी  कमजोरी  का  फायदा  उठाकर    वे  उसे  मानसिक  रूप  से  अपना  गुलाम  बना  लेते  हैं  ,  अपनी  इच्छानुसार  उन्हें  जीवन  जीने  को  विवश  कर  के  अपने  अहंकार  को  पोषित  करते  हैं  l   आज  के  युग  की  समस्याओं   का  हल  वाद - विवाद  से  नहीं  है  l   जब  हम  जागरूक  होंगे ,  हमारा  स्वाभिमान  जागेगा  ,  हमारे  जीवन  की  दिशा  सही  होगी    तभी  हमारा  मानव  जीवन  सफल  होगा  l 

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