प्रत्येक समस्या का कोई समाधान होता है , लेकिन वहम एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है l इस बीमारी का कारण मनुष्य की दुर्बुद्धि है l भौतिक प्रगति के साथ संसार में अनेक नवीन बीमारियों का उदय हुआ है , जिसकी कोई दवा अभी तक किसी के पास नहीं है l कहते हैं हम जिन बातों की ज्यादा चर्चा करते हैं , अधिक रूचि लेते हैं , ब्रह्माण्ड से वैसी ही तरंगे व्यक्ति के पास आ जाती हैं l हमेशा बीमारी की बात करने से , बीमारी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होने से , वैसी ही तरंगे हमारे पास आती हैं और हम स्वयं को बीमार अनुभव करने लगते हैं l ऐसी बीमारी से स्वयं को त्रस्त समझते हैं , जिसकी कोई दवा भी नहीं है l फिर भी स्वस्थ होने के लिए हजारों , लाखों रुपया फूँक देते हैं l फिर स्वस्थ भी हो जाते हैं l
जब व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होता है तो स्वयं को बीमार अनुभव करता है , वैसी ही बीमारियाँ उसे घेर लेती हैं , लेकिन जब उसका आत्मविश्वास जाग्रत होता है तो उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और वह स्वस्थ होता है l स्वस्थ रहने के लिए जरुरी है कि हम योग , प्राणायाम करें , नियम , संयम से रहें और इससे भी ज्यादा जरुरी है कि हम बीमारी की बातें न करें l सकारात्मक विषयों पर चर्चा करें l
जब व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होता है तो स्वयं को बीमार अनुभव करता है , वैसी ही बीमारियाँ उसे घेर लेती हैं , लेकिन जब उसका आत्मविश्वास जाग्रत होता है तो उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और वह स्वस्थ होता है l स्वस्थ रहने के लिए जरुरी है कि हम योग , प्राणायाम करें , नियम , संयम से रहें और इससे भी ज्यादा जरुरी है कि हम बीमारी की बातें न करें l सकारात्मक विषयों पर चर्चा करें l
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