अमेरिका के प्रसिद्ध धनपति हेनरी फोर्ड अंतर्राष्ट्रीय शांति के पक्षपाती थे l वे नहीं चाहते थे कि कोई राष्ट्र अपने पास शस्त्रों का विशाल भंडार रखे l उनमे एक सच्चे मानव के गुण थे , वे कहते थे कि शस्त्रों की होड़ मानव के लिए हितकर नहीं है l उन्होंने अपार धन अर्जित किया लेकिन कभी उस पर गर्व नहीं किया और उसका उपयोग जन - कल्याण के लिए किया l
हेनरी फोर्ड के कारखाने में 18000 आदमी काम करते थे , उनमे नवयुवक , ह्रष्ट - पुष्ट कर्मचारी बहुत कम थे , अधिकांश अंधे , काने , लंगड़े , लूले , अपंग कर्मचारियों को उन्होंने अपने कारखाने में काम दिया l वह ये नहीं देखते कि यह व्यक्ति मेरे यहाँ काम कर सकेगा या नहीं वरन यह देखते कि कौन सा काम देकर उसे रोजगार दिया जाये l समाज में जो कैदी स्थान नहीं पा सकते , उनको भी वे अपने यहाँ काम देते थे l ईश्वर ने उन्हें धन दिया , उस धन को उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने में लगाया l ऐसे लोग जिन्हे कहीं काम नहीं मिलता , वे इनके यहाँ काम पाते l एक घाटे में चलने वाली जहाज कंपनी इन्होने खरीद ली l मजदूर हड़ताल कर रहे थे l खरीदने के दूसरे ही दिन इन्होने घोषणा कर दी कि मजदूरों को उनकी मांग के बराबर वेतन दिया जाये l मजदूर काम पर लौट आये और थोड़े ही समय में घाटा भी पूरा हो गया l हेनरी फोर्ड ने इस प्रयोग से दिखा दिया कि उदारता का परिणाम शुभ होता है l
हेनरी फोर्ड का जीवन प्रेरणा स्रोत है l आज के समय में अच्छे लोग भी हैं लेकिन अनेक ऐसे भी हैं जो अपने धन - सम्पदा के बल पर अपनी हुकूमत चलाना चाहते हैं l अति हर चीज की बुरी होती है l धन बहुत है , लेकिन यदि उसका सदुपयोग नहीं किया , नि:स्वार्थ भाव से लोक - कल्याण के कार्यों में उसका उपयोग नहीं किया तो यह सम्पदा अनेक मानसिक विकृतियों को जन्म देती है जिसका परिणाम संसार भुगतता है l
हेनरी फोर्ड के कारखाने में 18000 आदमी काम करते थे , उनमे नवयुवक , ह्रष्ट - पुष्ट कर्मचारी बहुत कम थे , अधिकांश अंधे , काने , लंगड़े , लूले , अपंग कर्मचारियों को उन्होंने अपने कारखाने में काम दिया l वह ये नहीं देखते कि यह व्यक्ति मेरे यहाँ काम कर सकेगा या नहीं वरन यह देखते कि कौन सा काम देकर उसे रोजगार दिया जाये l समाज में जो कैदी स्थान नहीं पा सकते , उनको भी वे अपने यहाँ काम देते थे l ईश्वर ने उन्हें धन दिया , उस धन को उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देने में लगाया l ऐसे लोग जिन्हे कहीं काम नहीं मिलता , वे इनके यहाँ काम पाते l एक घाटे में चलने वाली जहाज कंपनी इन्होने खरीद ली l मजदूर हड़ताल कर रहे थे l खरीदने के दूसरे ही दिन इन्होने घोषणा कर दी कि मजदूरों को उनकी मांग के बराबर वेतन दिया जाये l मजदूर काम पर लौट आये और थोड़े ही समय में घाटा भी पूरा हो गया l हेनरी फोर्ड ने इस प्रयोग से दिखा दिया कि उदारता का परिणाम शुभ होता है l
हेनरी फोर्ड का जीवन प्रेरणा स्रोत है l आज के समय में अच्छे लोग भी हैं लेकिन अनेक ऐसे भी हैं जो अपने धन - सम्पदा के बल पर अपनी हुकूमत चलाना चाहते हैं l अति हर चीज की बुरी होती है l धन बहुत है , लेकिन यदि उसका सदुपयोग नहीं किया , नि:स्वार्थ भाव से लोक - कल्याण के कार्यों में उसका उपयोग नहीं किया तो यह सम्पदा अनेक मानसिक विकृतियों को जन्म देती है जिसका परिणाम संसार भुगतता है l
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