29 July 2020

WISDOM ------

    महाराष्ट्र  में  पुणे  में  जन्मे   बाबा  राघवदास   ने  गांधीजी  के  साथ  काफी  दिन  काम  किया   और  फिर  उत्तर  भारत  में  गोरखपुर  के  होकर  ही  रह  गए   l   वर्ष  1950   में   एक  कार  दुर्घटना  में  वे  घायल  हो  गए  l  चिकित्सकों  ने  कहा   कि   दवा  तो  आपको  लेनी  ही  होगी  ,  पर  उन्होंने  जीवन  में  कभी  दवा  नहीं  ली  थी  ,  प्राकृतिक  चिकित्सा  में  विश्वास  करते  थे  l   उन्हें  जलोदर  हो  गया  ,  तब  वे  डॉ. अप्पाजी  के  साथ  पुणे  चले  गए   और  पूर्णत:  स्वस्थ  होकर  लौटे  l  इसके  बाद  उन्होंने  अपने  सेवा  कार्य  में   प्राकृतिक  चिकित्सा  का  प्रचार  भी  जोड़  लिया  l   गोरखपुर  एवं   आश्रम  बरहज  में   उन्होंने  कई  प्राकृतिक  चिकित्सालय  खुलवाए  l   उनके  प्रयास  से  ' अखिल  भारत  प्राकृतिक  चिकित्सा  परिषद् ' की  स्थापना  हो  गई  ,  इससे   पूरे   देश  में  प्राकृतिक  चिकित्सा  को  पोषण  मिला  l 

No comments:

Post a Comment