जो साहसी हैं , वीर हैं वे कभी किसी पर छुपकर , पीछे से वार नहीं करते l संसार के विभिन्न देशों का इतिहास ऐसे वीर - बहादुरों की गाथाओं से भरा पड़ा है l लेकिन जब से भौतिक प्रगति हुई , वैज्ञानिक तरक्की हुई तब से वीरता को जैसे ग्रहण लग गया l अब कोई व्यक्ति हो या देश अपनी हुकूमत जताने के लिए षड्यंत्र रचते हैं और इस तरह चाल चलते हैं कि असली अपराधी कौन है यह मालूम करना असंभव हो जाये l कायरता के साथ जब मानसिकता भी विकृत हो तो संसार का हर क्षेत्र प्रदूषित हो जाता है l वर्षों पहले जब सरल तरीके से कृषि होती थी , रासायनिक खाद , नए ढंग के बीज , , रासायनिक उर्वरक आदि नहीं थे , तब भोजन में स्वाद था , लोग स्वस्थ थे , आज जैसी नई - नई बीमारियां नहीं थीं l लेकिन अब ऐसे रसायनों के कारण भूमि बंजर होने लगी , लोग विभिन्न बीमारियों से जूझने लगे , वनस्पतियों , पक्षियों आदि की प्रजातियां लुप्त होने लगीं लेकिन लोग जागरूक नहीं हुए l परिणाम यह हुआ कि कुछ लोग बहुत अमीर हो गए और अधिकांश गरीबी और बीमारी से जूझने लगे l
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञानं ने प्रवेश किया , इससे लाभ तो बहुत हुए लेकिन रिएक्शन भी बहुत हुए l भगवन कृष्ण तो मिटटी में खेलकर बड़े हुए लेकिन आज के बच्चे दवाई और इंजेक्शन के बीच पलकर अनेक बीमारियों से ग्रसित होने लगे , ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई जिनमे आत्मविश्वास कम हो , जिन्हे अपनी इच्छानुसार चलाया जा सके l इस स्थिति का भी वही परिणाम सामने है कि समाज का एक पक्ष बहुत अमीर हो गया और दूसरा पक्ष गरीब और बीमार हो गया l सामान्य जन जागरूक नहीं है , बुद्धिजीवी अपने स्वार्थ में चुप है तो जो चालाक हैं वे अपनी मनमानी कर लेते हैं l
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञानं ने प्रवेश किया , इससे लाभ तो बहुत हुए लेकिन रिएक्शन भी बहुत हुए l भगवन कृष्ण तो मिटटी में खेलकर बड़े हुए लेकिन आज के बच्चे दवाई और इंजेक्शन के बीच पलकर अनेक बीमारियों से ग्रसित होने लगे , ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई जिनमे आत्मविश्वास कम हो , जिन्हे अपनी इच्छानुसार चलाया जा सके l इस स्थिति का भी वही परिणाम सामने है कि समाज का एक पक्ष बहुत अमीर हो गया और दूसरा पक्ष गरीब और बीमार हो गया l सामान्य जन जागरूक नहीं है , बुद्धिजीवी अपने स्वार्थ में चुप है तो जो चालाक हैं वे अपनी मनमानी कर लेते हैं l
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