भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने सांदीपनि ऋषि के आश्रम में रहकर ज्ञान प्राप्त किया l उस समय आश्रम में रहने के जो नियम थे उनका पालन किया l सांदीपनि सद्गृहस्थ ऋषि थे l भगवान कृष्ण और बलराम जी उनसे शिक्षा प्राप्त कर वापस जाने लगे तो उन्होंने अपने गुरु से दक्षिणा का आग्रह किया l गुरु जानते थे कि श्रीकृष्ण साक्षात् परब्रह्म है l उन्होंने असमय मृत्यु को प्राप्त हुए अपने पुत्र को मांग लिया l श्रीकृष्ण ने गुरु के पुत्र को यमलोक से वापस लाकर दिया और दक्षिणा चुकाई l ऋषि सांदीपनि ने गुरु रूप में श्रीकृष्ण और बलराम को ज्ञान दिया , गुरु माता ने स्नेह लुटाया और इस सत्य को जानकर कि श्रीकृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं उनकी आराधना की l
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