26 August 2020

WISDOM -----

  सोलहवीं  शताब्दी  में   जन्में  रहीम  खानखाना  ने   बड़ी  भक्ति पूर्वक   राम कथा  को  गाया  और  अपनाया  l   रहीम  मुसलमान   थे  , परन्तु  प्रभु  श्रीराम  पर  उनकी   अटल  श्रद्धा  थी  l  वह    कहा  करते  थे  ---- ' रहिमन   धोखे  भाव  से ,  मुख  तें   निकसे  राम  l  पावन   पूरन  परम  गति  ,   कामादिक  को   धाम   l '  उन्होंने  स्पष्ट  कहा  कि   संसार  सागर  से      पार   उतरने  का  एकमात्र  उपाय   प्रभु  श्रीराम   की    शरणागति   है  l  वे  कृपामय  प्रभु  जगत  की  विषय - वासना  से  प्राणी  को  मुक्त  कर  उसे  अपनी  भक्ति  प्रदान  कर  निर्भय  कर  देते  हैं   l  उनका  कथन  है ---- ' गहि  सरनागति  राम  की  , भवसागर  की  नाव  l   रहिमन  जगत  उधार  कर   ,  और  न  कछु  उपाय  l 

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