वर्तमान विश्व में जिस एक वस्तु का व्यापार सबसे अधिक हो रहा है , वह कोई उत्पाद नहीं वरन एक प्रकार का भय है l गरीब और अभावग्रस्त लोगों के पास खोने के लिए कुछ नहीं होता इसलिए वे भयभीत नहीं होते l जो जितना अधिक संपन्न और जितना शक्तिशाली है , वह उतना ही भयभीत है l आधुनिक सभ्यता में भय बिकता है और यह सारे संसार को अपनी चपेट में ले लेता है l भय के कारण व्यक्ति मानसिक रूप से इतना परेशान हो जाता है कि दुर्घटना , आत्महत्या , अपराध बढ़ जाते हैं l भय मानवी मनो - मस्तिष्क को प्रभावित करने वाला एक बड़ा कारक है , इसलिए भय का कारोबार करने वाले मनुष्य की इस कमजोरी से लाभ उठाते हैं l भय पैदा करने वाली फ़िल्में , कॉमिक्स आदि अब पुराने हो चुके l आधुनिक सभ्यता ने भय को भी भयभीत कर दिया और लोगों के मनोमस्तिष्क पर छा गया है l
ईश्वर विश्वास से ही सब प्रकार के भय से मुक्ति संभव है l
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