पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने अपने जीवन के माध्यम से बहुत ही क्रांतिकारी सन्देश दिए हैं , जिनमे से एक है ----' शिक्षा ही नहीं , विद्द्या भी l मनुष्य का जीवन अनगिनत संभावनाओं से भरा हुआ है और ये संभावनाएं यह तय करती हैं कि मनुष्य श्रेष्ठताओं का चयन कर के उत्कृष्टता के पथ पर आगे बढ़ता है या अपने गलत कार्यों से पतन के गर्त में गिरता है l मनुष्य के पास कंस बनने की संभावना तो है , लेकिन उसके पास कृष्ण बनने का अवसर भी है l उसमे रावण बनने की संभावना तो है , राम बनने का अवसर भी है l आचार्य श्री ने आगे कहा कि --- मनुष्य के जीवन में अवसर का प्रारम्भ विद्दालय से होता है l वर्तमान की शिक्षा प्रणाली अपूर्ण है और उसे पूर्णता तक पहुँचाने के लिए विद्द्या की आवश्यकता है l शिक्षा हमें साक्षरता देती है तो विद्द्या हमारे जीवन को सार्थकता देती है l जीवन में त्याग , बलिदान , समर्पण , सेवा आदि भावनाओं का विकास विद्दार्थियों में विद्दा के माध्यम से ही किया जा सकता है l
No comments:
Post a Comment