पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का कहना है ---- ' दूसरों द्वारा किए जाने वाले व्यवहार पर हमारा नियंत्रण नहीं हो सकता और न ही दूसरों के विचारों और कार्यों पर हमारा नियंत्रण हो सकता है लेकिन हम स्वयं के व्यवहार , विचार व कार्यों पर नियंत्रण जरूर कर सकते हैं l ' यदि हमारे जीवन में ऐसे लोग हैं जो हमें अच्छे नहीं लगते तो हमें इन व्यक्तियों से लड़ने के बजाय उनसे निश्चित दूरी बना लेनी चाहिए l आचार्य श्री का कहना है --- यहाँ दूरी का तात्पर्य है --- मन से उन सीमाओं को निश्चित करना , जिससे हमें व्यक्ति विशेष के साथ कटु व्यवहार करने के लिए विवश न होना पड़े l कटु व्यवहार करना किसी के लिए भी हितकर नहीं होता l यदि व्यक्ति किसी को अपना अच्छा मित्र नहीं बना सकता तो उसे अपने शत्रु भी नहीं बनाने चाहिए l
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