9 November 2020

WISDOM -----

     गाँधी जी  से  एक  मारवाड़ी  सेठ  मिलने  आए  l   वे  मारवाड़ी  वेशभूषा  में  थे   और  बड़ी  पगड़ी  बाँधे   थे   l   बातचीत  में  उन्होंने  पूछा  ---- " गांधीजी  आपके  नाम  पर   लोग  देश  भर  में   गाँधी  टोपी  पहनते  हैं   और  आप  इसका  इस्तेमाल  नहीं  करते  ,  ऐसा  क्यों   ? "   गाँधी जी  बोले  ---- " आप  बिलकुल  ठीक  कहते  हैं  ,  पर  आप  अपनी  पगड़ी  को  उतार कर  तो  देखिए  l   इसमें  बीस  टोपियाँ   बन  सकती  हैं  l   जब  उतना  कपड़ा   आप  जैसे  व्यक्ति   अपनी  पगड़ी  में  लगा  सकते  हैं    तो  बेचारे   उन्नीस  आदमियों  को  नंगे  सिर   रहना  पड़ेगा  l   उन्ही  उन्नीस  आदमियों  में  से   मैं  भी  एक  हूँ  l "  गाँधी जी  का  उत्तर  सुनकर  सेठ  को  शर्मिंदगी  महसूस  हुई  l    गाँधी जी    बोले  ---  " अपव्यय  , संचय  की  वृत्ति   अन्य  व्यक्तियों  को   अपने  हिस्से  से  वंचित  कर  देती  है   तो  मेरे  जैसे  अनेक  व्यक्तियों  को   टोपी  से  वंचित  रहकर   उस  संचय  की  पूर्ति  करनी  पड़ती  है   l  "

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