3 December 2020

WISDOM -----

   आतंकवादी  मानसिकता  कैसी  होती  है   इसे  एक  पौराणिक  आख्यान  द्वारा   समझा  जा  सकता  है -----  घटना  महाभारत  युद्ध  के  समय  की  है   l   द्रोणपुत्र  अश्वत्थामा  ने   अपने  ब्रह्मास्त्र  से   उत्तरा  के  गर्भस्थ  पुत्र  को  मार  डाला   l   इस  अमानवीय  कृत्य  से  सभी  चीत्कार   उठे  l   द्रोपदी  ने  इसका  बदला  लेने  के  लिए  अति  बलवान  भीम  से  निवेदन  किया   और  अश्वत्थामा  को  उचित  दंड  देने  को  कहा   ,  परन्तु  परम  नीतिज्ञ  भगवान  कृष्ण   ने   भीम  को  अश्वत्थामा  के  पास  जाने  से  रोका   और  कहा  कि   इस  समय  अश्वत्थामा  राक्षस  बन  गया  है  l   वह  अपनी  सभी  मर्यादाओं  और  नीतियों  को  भूलकर   दानव  की  साक्षात्  मूर्ति  बन  गया  है  l   वह  भीम  को  भी  मार  सकता  है   क्योंकि  इस  मन: स्थिति  में   उससे  दया   और  क्षमा  की  उम्मीद  नहीं  की  जा  सकती  है   l   पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- ठीक  यही  मानसिकता  आतंकवादियों  की  होती  है  l   उनके  सामने  मानवता  की   करुण   चीत्कार  कोई  मायने  नहीं  रखती  l   आतंकवादी  राक्षस  एवं   दैत्य  के  समान   होते  हैं  ,  जिनके  अंदर  का  दिल   पथरा    गया  होता  है  l   इनकी  संवेदना  शुष्क  हो  जाती  है   और  इस  शुष्कता  में  क्रूरता  का  जन्म  होता  है  l  इनसे  किसी  प्रकार  के  रहम  और  दया  की  आशा  नहीं  की  जा   सकती है   l 

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