15 January 2021

WISDOM ----

  संकल्पवान  व्यक्ति  एक  दीपक  की   तरह छोटा  ही  क्यों  न   हो ,  देर - सवेर   भगवान  किसी  न  किसी  रूप  में   उसे  सहारा  देने  पहुँच  ही  जाते  हैं  l ------- यज्ञ  होना  था   l   उसके  लिए  समिधाओं  का  ढेर  लगा  था   l   ऋषि  ने  डीप  प्रज्वलन  का  क्रम  किया   l   दीपक  को  टिमटिमाता  देख    समिधाओं  का  ढेर  हँसा  और  बोला ---- " ये  छोटा  सा  दीपक  भला  हमारा  क्या  बिगाड़ेगा  ? "    अग्नि  स्थापना  का  क्रम  आया   तो  दीपक  से  निकली   छोटी  सी  लौ   ने   यज्ञ-अग्नि   की स्थापना  कर  दी  l   आहुतियों  के  साथ  एक - एक  कर   सभी  समिधाएं   होम   हो गईं   l   सारी   घटना  को   अंतर्दृष्टि    से देखते  हुए   ऋषि  अपने  शिष्यों  से  बोले  ---- " प्रखरता  चाहे  एक  लौ   के  बराबर   ही  क्यों  न  हो  ,  वो  अकेले  तमस   के  साम्राज्य  से  टकराने  में   सक्षम  है  l   हमें  भी  अपनी  तपस्या  का  प्रकाश  इतना  प्रबल   और  उज्ज्वल   करना  चाहिए   कि   हम  गहन  अंधकार  के  बीच  भी    अपना  मार्ग  बना  सकें   l 

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