18 March 2021

WISDOM ------

   पुराने   जमाने    में    लीडिया  नामक   देश  का  बादशाह   ' कारूँ '  अपने  धन  के  लिए  बड़ा  विख्यात  था   l   उसने  इतना  अधिक  सोना , चाँदी ,  रत्न , जवाहरात   आदि  अपने  खजाने  में  संग्रह  किए   थे   कि   संसार  में  अभी  तक  उसका   नाम  उदाहरण   के  रूप  में  लिया  जाता  है   l   एक  बार  यूनान  का   एक  महापुरुष   ' सोलन '  उसके  दरबार  में  गया   l   वहां  पर  कारूँ   ने  उसे   अपना  अपार  धन  दिखाकर  पूछा  ---- "  क्या  संसार  में  मुझसे  बढ़कर    और  कोई  सुखी  हो  सकता  है   ? "    सोलन  तो  तत्वज्ञानी  था   l   उसने  कहा  --- "  मैं  तो   उसी  व्यक्ति  को  सुखी  समझता  हूँ  ,  जिसका  अंत  सुखमय  हो   l  "   यह  सुनकर  कारूँ   अप्रसन्न  हो  गया   और  उसने  सोलन  को   बिना  विशेष  आदर - सत्कार  के  विदा  कर  दिया   l   कुछ  समय  बाद  ईरान  देश  के  राजा    साइरस  ने    कारूँ   को  हराकर  कैद  कर  लिया   और  उसे  मृत्युदंड  दिया  l   जब  वह  जीवित  जलाया  जाने  लगा   तो  उसे  सोलन  की  बात  याद  आ  गई    और  उसके  मुँह   से  ' हाय  सोलन '   ,   ' हाय  सोलन  '  शब्द  निकला   l   साइरस  के  पूछने  पर  उसने  सोलन  की  बात  बता  दी   l  साइरस  पर  भी  इस  उपदेश  का  प्रभाव  पड़ा  और  उसने  कारूँ   को  प्राणदान  दे  दिया   l 

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