महात्मा ईसा प्रात: भ्रमण के लिए जा रहे थे l उनके साथ उनके शिष्य भी थे l घास पर ओस की बूंदे मोतियों सी चमक रही थीं l पास के उद्यान में लिली के फूल खिल रहे थे l ऐसे में एक शिष्य ने पूछा ---- " भगवन ! जीवन में सुख एवं सौंदर्य का रहस्य क्या है ? " प्रश्न के उत्तर में ईसा ने कहा --- " देख रहे हो इन लिली के फूलों को l ये सम्राट सोलोमन से भी ज्यादा सुखी और सुन्दर हैं क्योंकि इन्हें न तो बीते हुए कल का दुःख है और न आने वाले कल की चिंता l ये तो बस , वर्तमान में अपनी सुगंध भरी मुस्कराहट बिखेर रहे हैं l जो इन लिली के फूलों की तरह भूत एवं भविष्य की फिक्र छोड़कर वर्तमान में सत्कर्मों की सुगंध बिखेरता है , वह स्वयं ही जीवन के सुख और सौंदर्य के रहस्य को समझ जाता है l "
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