एक बार विक्रमपुर के राजा के सैनिक पड़ाव पर एक डाकू ने धावा बोलने का साहस किया , सैनिकों ने उसे पकड़कर राजा के सामने प्रस्तुत किया l राजा ने गुस्से में पूछा ----- ' तुम यह घृणित कार्य क्यों करते हो ? ' यह सुनकर डाकू बोला ---- " आपको यह पूछना शोभा नहीं देता , क्योंकि आपको देखकर ही हम यह कार्य करते हैं l आपसे ही हम ने ऐसा करना सीखा है l " राजा क्रोधित होकर बोला ---- " क्या मैं डाकू हूँ ? क्या मैं कहीं डाका डालता हूँ ? " डाकू बोला ---- " हमारी शक्ति कम है , हम छोटे डाकू हैं l आपके पास अधिक शक्ति है इसलिए आप पड़ोसी राज्य पर अकारण आक्रमण कर उसकी सम्पत्ति पर कब्ज़ा करते हैं l " राजा यह सुनकर लज्जित हुआ l उसने डाकू को खेती करने के लिए जमीन दे दी और स्वयं भी दूसरे राज्यों पर आक्रमण करना छोड़ दिया l
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