23 September 2021

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  शर्मा   आचार्य जी  लिखते  हैं  ----- "  यदि  दृष्टिकोण  का  परिष्कार  न  हो  तो  हमारा  धार्मिक  क्षेत्र   भी  नाकारा  होता  चला  जायेगा  ,  निहित  स्वार्थ  इससे  अपना  फायदा  उठाएंगे   और  बेचारे  भावुक  लोग  बेमौत  मारे  जायेंगे   l   फिर  हमारा  धार्मिक  क्षेत्र   धूर्तों  और  मूर्खों  की   ऐसी  जोड़ी  बनेगा   कि  '  राम  मिलाई  जोड़ी ,  एक  अँधा - एक  कोढ़ी  '  की  उक्ति  चरितार्थ  होगी  l  "      मनुष्यों  से  मिलकर  समाज  बना  है  ,  समाज  से  मिलकर  राष्ट्र  का  निर्माण  हुआ  है   l   यदि  नैतिकता  नहीं  है ,   चरित्र  अच्छा  नहीं  है    तब   धीरे   - धीरे  राष्ट्र  को  ऊँचा  उठाने  वाले  एक - एक स्तम्भ --- शिक्षा , चिकित्सा , धर्म , भाषा , संस्कृति  सब  धराशायी  होने  लगते  हैं  l   इसलिए  आचार्य श्री  ने  लिखा  है------ ' हमको  बड़ी  फैक्ट्रियाँ   नहीं  बनानी   हैं  l   हमको  बड़े  इनसान  बनाने  हैं   l 

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