10 December 2021

WISDOM ------

  मनुष्य  एक  समझदार  प्राणी  है   , लेकिन  अपने  बहुमूल्य  मानव  जीवन  को   लड़ाई - झगड़े ,  दंगे  जैसे  नकारात्मक  कार्यों  में  गँवा  देता  है  l   यदि  कुछ  पल  शांत  होकर  बैठें  और  चिंतन  करें  तो  समझ  आएगा  कि  जाति   और  धर्म  के  आधार  पर  नहीं ,  बल्कि   दूषित  मनोवृति  के  कारण   समाज  में  अशांति   होती  है  l  घरेलू   हिंसा ,  , सम्पति  के  झगड़े ,  पारिवारिक  कलह , विवाद, महिला  उत्पीड़न   ----  इन  सब  में  किसी  अन्य  जाति   का  हस्तक्षेप  नहीं  होता ,  लोग  आपस  में  ही  लड़ते  हैं  और  तनाव  व  परेशानियों  से  घिरे  रहते  हैं  l   जब  ईर्ष्या - द्वेष , लालच  बहुत  बढ़  जाता  है   तब  अपनों  को  ही  सताने ,  नीचा   दिखाने   के  लिए  गैरों  की  मदद  लेते  हैं  l  मनुष्य  को  जागरूक  होकर   जीवन  में  प्राथमिकताओं  का  चयन  करना  होगा   कि   सुख - शांति  का  जीवन  जरुरी  है  या   वैर - भाव  , अशांति  जरुरी  है  l 

No comments:

Post a Comment