आज जब संसार में बीमारी , महामारी का कोहराम है , लोग भयभीत हैं l अपना स्वाभाविक जीवन नहीं जी पा रहे हैं l यह स्थिति समस्त संसार के लिए एक संकेत है कि ' वेदों की ओर लौट चलो ' प्रकृति का सम्मान करो , प्रकृति हमें पोषित करेगी l ------ ऋषियों ने हमें ज्ञान दिया -----' वेदों में सूर्य किरण चिकित्सा का वर्णन बड़े विस्तार से आता है l मत्स्य पुराण कहता है नीरोगता की इच्छा है तो सूर्य की शरण में जाओ l वेदों में उदित होते सूर्य की किरणों का बड़ा महत्व बताया गया है l अथर्ववेद में वर्णन है कि उदित होता सूर्य मृत्यु के सभी कारणों , सभी रोगों को नष्ट कर देता है l इस समय की किरणों में जीवनी शक्ति होती है l ऋग्वेद में उल्लेख है कि रक्त अल्पता की सर्वश्रेष्ठ औषधि है उदित होते सूर्य के दर्शन, ध्यान l हृदय की सभी बीमारियाँ नित्य उगते सूर्य के दर्शन , ध्यान एवं अर्घ से दूर हो सकती हैं l " पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है --- जिन देशों में सूर्योदय के दर्शन किसी कारण से संभव नहीं होते हैं तो आप मन में सूर्योदय की कल्पना कर सकते हैं कि पवित्र प्रकाश हमारे रोम - रोम में समा रहा है और ऐसी कल्पना के साथ अर्घ दे सकते हैं l '
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