20 January 2022

WISDOM ----

  आज  के  युग  की  सबसे  बड़ी  समस्या  ' तनाव  '  है  l  गरीब  व्यक्ति    मेहनत - मजदूरी  कर   पत्थर  पर  भी  चैन  की  नींद  सो  जायेगा  लेकिन  जिसके  पास  जितनी  सुविधाएँ  हैं  वह  उतना  ही  तनावग्रस्त  है  l    विकसित  देशों  में  आर्थिक  समस्या  नहीं  है   लेकिन  फिर  भी  अशांति  है , तनाव  है  l   इसका  कारण  यही  है  कि   विज्ञानं   ने मानव  शरीर  को  यंत्र  बना  दिया  है   और   मानव  मन  की  भावनाओं  की  उपेक्षा  करने  से  जीवन  खोखला  हो  गया  है   l   भौतिकता  के  सामने  मानवीय  संवेदना  कहीं  खो  गई  l   विज्ञान   आँसुओं   का  वैज्ञानिक  विश्लेषण  तो  कर  सकता  है  कि   उसमे   कितना  पानी , खनिज , क्षार   आदि  है   लेकिन  आँख  से  गिरने  वाला    आँसू   स्नेह , ममता ,  व्यथा , वेदना , करुणा ,  दुःख   आदि  कौन  सी  भावना  को  व्यक्त  कर  रहा  है  ,  इसका  विश्लेषण   नहीं  कर  सकता   इसलिए  विज्ञानं  संवेदनहीन  है  l मनुष्य   का     केवल     रासायनिक  पदार्थों  का  सम्मिश्रण  नहीं  है  ,   श्रद्धा , निष्ठां , साहस , उमंग ,  नैतिकता , ईमानदारी  ,  आत्मविश्वास   आदि  श्रेष्ठ  भावनाएं  उसके  व्यक्तित्व  को  ,  उसके  आभामंडल  को  निर्मित  करती  है  l   भावनाओं   की   उपेक्षा  के  कारण  ही     लोग  तनावग्रस्त  हैं  ,  नई -नई  बीमारियां  उसे  घेर  लेती  हैं  l   फिर  उन  बीमारियों  का  इलाज  भी   उसी  तरह  होता  है    जैसे   मशीनों  में  तेल  डालकर  उनके  कल -पुर्जों  को  सुधारा  जाता  है   l  भौतिकता  की  अंधी  दौड़  में  मनुष्य  ने  भावनाएं  तो  खो  दीं ,  और  वह  प्रकृति  से  भी  दूर  हो  गया   l   जिन  पांच  तत्वों  से  मिलकर  उसका  शरीर  बना   ,  उन्ही  तत्वों  को  प्रदूषित  कर  रहा  है   l   अपने  ही  विनाश  पर  उतारू  है  l  

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