आज संसार में इतनी अशांति है , तनाव है , इसका एक ही कारण है --- व्यक्ति जैसा अपने को दिखाता है वैसा वो है नहीं l अपनी असलियत छुपाने के लिए उसे तरह - तरह के स्वांग रचने पड़ते हैं l इसी चिता में वे तनावग्रस्त हो जाते हैं l इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि आज व्यक्ति स्वयं को धार्मिक होने का दावा करता है लेकिन यह केवल उसका बाहरी रूप है l यदि इतना ही अच्छा वह अपने ह्रदय से होता तो संसार में शांति होती l
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