लघु - कथा ---- स्वार्थ के आधार पर की गई मित्रता दुर्गति ही करा देती है ----- तालाब के मेढ़क और पास के गोदाम में रहने वाले चूहे के बीच घनिष्ठ मित्रता हो गई l गोदाम में चूहे के लिए पर्याप्त भोजन सामग्री थी और मेढ़क को भी कीड़े मिल जाते थे l दोनों के बीच घनिष्ठता ज्यादा बड़ी तो दोनों ने एक रस्सी ली और उसका एक छोर चूहे ने अपनी पूंछ में और दूसरा छोर मेढ़क ने अपने पैर में बाँध लिया ताकि दोनों एक दूसरे से ज्यादा दूर न जा पाएं , हमेशा साथ रहें l रस्सी बांधे ज्यादा समय नहीं गुजरा था कि मेढ़क को एक कीड़ा दिखाई दिया l प्रवृति वश वह उसके पीछे -पीछे पानी में कूद पड़ा और अपने साथ चूहे को भी ले गया l पानी में तैर न पाने के कारण चूहा डूबकर मर गया और उसका मृत शरीर पानी के ऊपर आ लगा l आसमान में उड़ती चील की द्रष्टि जब चूहे पर गई तो वह झपट कर चूहे को ले निकली l रस्सी से बंधा होने के कारण मृत चूहे के साथ मेढ़क भी खिंचता चला गया l चील ने दोनों का शिकार कर लिया l ' स्वार्थ और लालच के आधार पर की गई मित्रता ऐसी दुर्दशा करा देती है l ' यही जीवन का सत्य है l
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