15 July 2022

WISDOM ------

  ' मनुष्य  प्रकृति  में  सबसे  समझदार  और  बुद्धिमान  प्राणी  है '  लेकिन  जब  उस  पर  अहंकार   हावी  हो  जाता  है ,    बुद्धि  दुर्बुद्धि  में  बदल  जाती  है   तब  इस  उक्ति  पर  प्रश्न  चिन्ह  लग  जाता  है  --------  एक  देश  का  बंटवारा  हुआ   l  विभाजन  रेखा  पागलखाने  के  बीच  में  से  गुजरी  l  दोनों  देशों  के  अधिकारियों  में  से  कोई  भी  पागलों  को  अपने  देश  में   लेने  को  तैयार  न  था   l  अधिकारियों  ने  सोचा  क्यों  न  इन्ही  लोगों  से  पूछ  लिया  जाये  कि  वे  किस  देश  में  रहना  चाहते  हैं   l   अधिकारियों  ने    उनसे  कहा  कि  देश  का  बंटवारा  हो  गया  है   , आप  उस  देश  में  जाना  चाहते  हैं  या  इस  देश  में   l  पागलों  ने  पलट  कर  पूछा  ---"  हम  गरीबों  का  पागलखाना  क्यों  बांटा  जा  रहा  है   ?  हम  तो  सब  मिलकर  प्रेम  से  रहते  हैं   l  हम  में  कोई  मतभेद  नहीं  ,  इसमें  आपको  क्या  आपत्ति  है   ? '  अधिकारियों  ने  कहा ---- ' आपको  जाना    कहीं  नहीं  है   l  रहना  यहीं  है   l '  पागल  बोले ---- यह  क्या  पागलपन  है  जब  जाना   कहीं  नहीं  है  तो  इस  देश  और  उस  देश  से  क्या  मतलब   ? '  अधिकारियों  ने  सोचा  कि  व्यर्थ  की  माथा पच्ची   से  कोई  लाभ  नहीं   और  उन्होंने  विभाजन  रेखा  पर   पागलखाने  के  बीचोंबीच  दीवार  खड़ी  कर  दी  l  कभी -कभी  पागल  उस  दीवार  पर  चढ़  जाते  ,  और  एक -दूसरे  से  कहते  --- ' देखा  ! समझदारों  ने  देश  का  विभाजन  कर  दिया   l  न  तुम  कहीं  गए  न  हम  l  व्यर्थ  में   हमारा -तुम्हारा  मिलना -जुलना ,  हँसना -बोलना    बंद  कर  के   इन्हें  क्या  मिल  गया  ? '    ----- जब -जब  मनुष्य  पर  बेअकली  सवार  होती  है   तो  वह  जाति , सम्प्रदाय ,  रंग , रूप  ,  भाषा   और   देश    के  आधार  पर   विभाजित  होता   चला    जाता  है   और  स्वयं  ही  अपनी  शांति    और   खुशहाली    नष्ट  करता  रहता  है   l  

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