न्यूयार्क के पत्र " नेशन " ने बहुत वर्ष पहले महात्मा गाँधी के वास्तविक महत्त्व को समझ कर लिखा था ------ " वर्तमान युग में जब संसार के लोग वैज्ञानिक चमत्कारों पर ही विशेष जोर दे रहे हैं , भारतवर्ष का यह वीर और तपस्वी नेता अपने सात्विक गुणों और आत्मशक्ति के कारण देश और विदेश में अत्यधिक सम्मान प्राप्त कर रहा है l जिस समय पाश्चात्य सभ्य राष्ट्र अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए युद्ध के अतिरिक्त और कोई मार्ग जानते ही नहीं उस समय महात्मा गाँधी अपने राष्ट्रीय आन्दोलन को ' अहिंसात्मक असहयोग ' के पथ पर चला रहे हैं l वे कहते हैं कि भारत को रक्तपात से ही स्वराज्य मिल सकता है , तो हम दूसरों के बजाय अपना ही रक्त क्यों न बहाएं ? " गाँधी जी कहते थे ---'हम दूसरों को न मारकर , स्वयं अपने ही प्राण देकर स्वतंत्रता को प्राप्त करेंगे l ' गाँधी जी की यह घोषणा सुनकर ब्रिटिश सरकार तो क्या पूरा संसार ही चक्कर में आ गया l वे वर्तमान राजनीति और युद्धनीति को बदल देना चाहते थे l महापुरुष टालस्टाय लिखते हैं ---- " वर्तमान काल में एकमात्र गाँधी जी ईश्वरीय प्रतिनिधि हैं l
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