अनमोल वचन ----- ' उल्लू को दिन में नहीं दीखता और कौए को रात में नहीं दीखता लेकिन कामांध और स्वार्थान्ध को न दिन में दीखता है , न रात को l "
" पुण्यात्मा के सत्संग से भले ही पापी में परिवर्तन न आए , पर पापी की घनिष्ठता आग की तरह जलाए बिना नहीं रहती l "
" जिस प्रकार सूखे बाँस आपस की रगड़ से ही जलकर भस्म हो जाते हैं , उसी प्रकार अहंकारी व्यक्ति आपस में टकराते हैं और कलह की अग्नि में जल मरते हैं l "
" पाप पहले आकर्षक लगता है l फिर आसान हो जाता है l इसके बाद आनंद का आभास देने लगता है तथा अनिवार्य प्रतीत होता है l क्रमशः वह हठी और ढीठ बन जाता है l अंततः सर्वनाश कर के छोड़ता है l "
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