राम -रावण युद्ध समाप्त हुआ l महाबली रावण के अतिरिक्त युद्ध में कुम्भकर्ण की भी मृत्यु हुई l कुम्भकर्ण के पुत्र का नाम मूलकासुर था l मूलकासुर जब बड़ा हुआ तो उसके मन में प्रतिशोध की भावना बलवती हुई l घनघोर तपस्या कर उसने अपार शक्ति अर्जित कर ली और वरदान प्राप्त किया कि उसकी मृत्यु किसी नर के हाथों नहीं होगी l इसके उपरांत उसने राक्षसों और असुरों की सेना एकत्र कर लंका पर चढ़ाई कर दी l लंकापति विभीषण ने अपनी हार प्रत्यक्ष देख भगवान राम से सहायता मांगी l मूलकासुर को वरदान था कि वह किसी नर से पराजित नहीं होगा , इस स्थिति में भगवान राम ने सीता से अनुरोध किया l माता सीता ने वहां पहुंचकर भगवती का रूप धारण कर मूलकासुर का वध किया l आदिशक्ति के हाथों असुरता का संहार हुआ l
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